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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ के सांसद के समय में ही गोरखपुर में खाद कारखाना की स्थापना हुई। बीआरडी मेडिकल कालेज एवं मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज (अब प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं की स्थापना में भी जनप्रतिनिधि के रूप में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पांच साल की उम्र में दिग्विजयनाथ गोरखनाथ मंदिर के संपर्क में आए थे ।
गुरुवार की दोपहर तीन बजे गोरखपुर में महंत दिग्विजयनाथ पार्क में महंत दिग्विजयनाथ की प्रतिमा का अनावरण एवं पार्क के सुंदरीकरण कार्य का लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ राजस्थान के मेवाड़ के जिस राजवंश में पैदा हुए थे, उसका अपना सुनहरा इतिहास है।
इस राजवंश ने उदाहरण प्रस्तुत किया कि जरुरत पड़ने पे घास की रोटी खानी पड़े लेकिन किसी विधर्मी एवं किसी विदेशी आक्रांता के सामने सिर नहीं झुकेगा। पांच साल की उम्र में वे गोरखनाथ मंदिर के संपर्क में आए। उनकी परवरिश और शिक्षा योगीराज बाबा गंभीरनाथ की देखरेख में पूरी हुई।
1932 में उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। बाद में 1956 में गोरखपुर विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई। आज इस परिषद के अंतर्गत चार दर्जन से अधिक शिक्षण संस्थान चल रहे हैं।
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