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गोरखपुर जिले में राप्ती की बाढ़ में डूबे शेरगढ़ और कोलिया के करीब 200 परिवारों के लिए बुधवार शाम से लेकर शुक्रवार तक की सुबह भारी पड़ी। तेज हवा के साथ हुई झमाझम बारिश ने बाढ़ पीड़ितों का दर्द और बढ़ा दिया।
नौसड़ के पास बांध पर प्लास्टिक की छत्त के नीचे सिर छुपाए इन लोगों को पूरी रात प्लास्टिक पकड़कर, तेज हवा और बरसात से जूझना पड़ा।
पिछले महीने जब राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बढ़ा तो नदी की तलहटी में बसे शेरगढ़, बहरामपुर, कोलिया और डोमिनगढ़ के लोगों को घर छोड़कर माल-मवेशी के साथ बांध पर शरण लेनी पड़ी।
नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद बांध पर शरण लिए शेरगढ़ व कोलिया के लोगों वापस घर रस्ते में पानी भरे होने के कारन नहीं जा सकते है | लिहाजा परिवार के बुजुर्ग व बच्चे बांध पर बने प्लास्टिक के अस्थाई घर में ही रह रहे हैं।
बुधवार को पूरे दिन तो हल्की बरसात थी, जिससे किसी को कोई खास दिक्कत नहीं हुई लेकिन जैसे-जैसे रात गहरी हुई, बारिश के साथ हवा भी तेज होती गई।
हाला की अब पानी काफी काम हो गया है और गाओं के काफी लग वापस घर जा रहे ह पर मवासियों को ले जाना सम्भव नहीं है|
News Source- https://www.amarujala.com/photo-gallery/gorakhpur/heavy-rain-in-gorakhpur-problem-for-flood-affected-people
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