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गोरखपुर सहित देश भर में आज जीवित्पुत्रिका (जीवतिया) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। मां अपने बेटों के दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत रखी हैं। व्रत का पारण सोमवार को होगा। शास्त्रों के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पुत्र की लंबी आयु और कल्याण के लिए जीवत्पुत्रिका या जिमूतवाहन व्रत का विधान है।
पंडित विनोद तिवारी के मुताबिक, आज 18 सितंबर को अष्टमी तिथि का मान शाम 4 बजकर 39 मिनट तक, मृगशिरा नक्षत्र भी शाम 4 बजकर 31 मिनट और इस दिन सौम्य नामक औदायिक योग है।
जीवत्पुत्रिका व्रत का महत्व
धर्मशास्त्र की दृष्टि से यह व्रत स्त्रियों का है। प्रदोष व्यापिनी अष्टमी को अंगीकृत करते हुए आचार्यों ने प्रदोष काल या शाम में जीमूतवाहन के पूजन का विधान निर्दिष्ट किया है। इस व्रत का पारण अष्टमी के बाद नवमी में ही पारण करना चाहिए।
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